शिमला के दशहरे पर जाखू मंदिर की भाग्यवश
जाहु मंदिर शहर किसी दर्शन की पेशकश करता है। हर साल दशहरे के दिन, यह मंदिर भक्ति और उत्सव से भर जाता है। लोगों जहाँ आते हैं वे देवताओं की पूजा करते हैं और मनोकामनाएँ मांगते हैं। यह दिन मंदिर के लिए एक खास दिवस होता है, जहाँ भगवान का जश्न मनाया जाता है।
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मुख्यमंत्री सुक्खू ने राजधानी में जाखू मंदिर में दशहरा पर्व पर पूजा अर्चना की
सोमवार को दशहरा पर्व पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने शिमला के पवित्र जाखू मंदिर में पूजा अर्चना की। उन्होंने भगवान राम की विजय का जश्न मनाया और लोगों को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने प्रेरणादायक संदेश दिया कि दशहरा पर्व हमें सत्य की ओर प्रेरित करता है और विघटनकारी शक्तियों पर विजय प्राप्त करने का आह्वान करता है।
पर्व की खुशी में शिमला जाखू मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री सुक्खू
उत्तरांचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आज शिमला जाखू मंदिर में पहुंचे। उन्होंने इस अवसर पर भक्तों का आशीर्वाद दिया और दशहरे की शुभकामनाएं दी ।
मंदिर में भक्ति भाव से विधि-विधान से पूजा-अर्चना की । इस दौरान जनता बड़ी संख्या में पहुंची।
यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है । मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि सभी को मिलकर समाज में सद्भाव और भाईचारा बढ़ाना चाहिए।
शिमला जाखू मंदिर में दशहरा उत्सव का सांस्कृतिक रंग
यह दिन जश्न भरपूर रंगों से सजा होता है। शिमला जाखू मंदिर, जहाँ हर साल दशहरा उत्सव का आयोजन बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ किया जाता है। भक्तजन भगवान की पूजा-अर्चना करते हुए शुभकामनाएं प्राप्त करते हैं। अपने वेशभूषा और गीतों के here साथ यह उत्सव एक अनोखा सांस्कृतिक रंग प्रस्तुत करता है।
हिमाचल के सुक्खू ने जाखू मंदिर में जलाई दशहरे की धुनी
मुख्यमंत्री सुक्खू ने आज जाखू मंदिर में दशहरे की धुनी जलाकर पर्व का आगाज किया। यह कार्यक्रम भव्यता से आयोजित हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सभी लोगों को दशहरा का शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने कहा कि यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है और हमें सद्भाव का पाठ देकर समाज को आगे बढ़ाने में मदद करता है।
दशहरा में शिमला जाखू मंदिर में भक्तों का भीड़भाड़
प्रेमियों द्वारा पवित्र जाखू मंदिर पर शिमला में एक बहुत बड़ा आभा । भक्तों ने सुबह से ही मंदिर का परिचय किया और देवता की भक्ति अर्पित की ।
मंदिर में विशेष जश्न का माहौल था। भक्तों ने धार्मिक प्रार्थना करते हुए देवता की आराधना ।